RAIPUR. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश सरकार ने चार साल पूरे कर लिए हैं। इसकी उपलब्धि और खासियत गिनाने खुद कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने जनता के सामने अपनी बात रखी। उनके साथ रायपुर पश्चिम के विधायक विकास उपाध्याय भी थे। चौबे ने कहा कि यह चार साल अविश्वसनीय विश्वसनीयता के रहे हैं। इस दौरान किसान-मजदूर, गरीब सरकार की चिंता के केंद्र में रहे हैं। अगले चुनाव में भी इन्हीं को केंद्रित कर पार्टी जनता के बीच जाएगी। इसके साथ ही अगले चुनाव की तैयारी में भी जुट गई है।
नई कहावत बनी भूपेश है तो भरोसा है
चर्चा के दौरान आज कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि इन चार सालों में एक नई कहावत बनी है कि भूपेश है तो भरोसा है। यानी लोग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बात को लक्ष्मणरेखा मानने लगे हैं। अगर भूपेश ने यह कहा है तो होकर रहेगा। इन चार सालों में केंद्र और राज्य सरकार के बावजूद टकराव रहा है। इसके बावजूद नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, उनकी योजनाओं और कार्यक्रमों की सार्वजनिक प्रशंसा की है। दूसरे प्रदेशों को इन्हें अपने यहां लागू करने का सुझाव दिया है।
कांग्रेस ने 4 सालों में यह तस्वीर बदल दी
कृषि मंत्री ने कहा कि पहले विधानसभा में बात की शुरुआत ही बस्तर के हालात से होती थी। हम लोग कहते थे कि वहां सरकार हाइवे के दो किमी के दायरे में ही सीमित है। उसके भीतर लाल आतंक का राज है। बाहर के लोगों को लगता था कि रायपुर एयरपोर्ट पर उतरते ही उनको नक्सली घेर लेंगे। कांग्रेस ने चार सालों में यह तस्वीर बदल दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लाल आतंक को सोशियो-इकोनॉमिक प्राब्लम मानकर वहां विकास के रास्ते खोले। रोजगार के अवसर बढ़ाए। इसका परिणाम यह है कि वहां लाल आतंक आज समाप्तप्राय है।
राजभवन को राजनीतिक अखाड़ा बना रही भाजपा
आरक्षण विधेयक को लागू करने में हो रही देरी के लिए कृषि मंत्री ने भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के इस मामले में बोल देने के बाद उनके लिए कुछ बचता नहीं है। मैं केवल इतना कहूंगा कि राजभवन में विधेयक पर हस्ताक्षर होने में हो रहे विलंब की वजह से बेरोजगारों को मौका नहीं मिल पा रहा है। भाजपा राजभवन को किस तरह से राजनीतिक अखाड़ा बना रही है, यह जनता देख रही है।
सरकार की योजनाओं से बाजार गुलजार हुए, कारोबारियों को भी फायदा
इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार की विश्वसनीयता का सबसे बड़ा प्रमाण है। भाजपा के नेता यहां राज्य सरकार की जिन योजनाओं की आलोचना करते नहीं थकते उन योजनाओं को केंद्र सरकार ने प्रशंसित और पुरस्कृत किया है। सरकार ने अपनी योजनाओं से किसानों, मजदूरों, लघु वनोपज संग्राहकों आदि के खाते में एक लाख 50 हजार करोड़ रुपए की बड़ी राशि भेजी है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। इस पैसे से गांवों में समृद्धि आई है। छत्तीसगढ़ के बाजार गुलजार हैं। छोटे कारोबारियों को धंधे में फायदा हुआ है।